पहलगाम में आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े इस संगठन का यह पहला बड़ा हमला है। मुख्य साजिशकर्ता सैफुल्लाह कसूरी उर्फ सैफुल्लाह खालिद इस हमले के केंद्र में हैं। इसके अलावा, रावलकोट स्थित LeT के दो कमांडरों में से एक, अबू मूसा, की भूमिका की भी जांच की जा रही है। लेकिन यहां सवाल पैदा होता है कि जब भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास सैफुल्लाह खालिद के बारे में ढेरों सूचनाएं थीं तो उसके मूवमेंट की एडवांस सूचना क्यों नहीं थी। बेशक उसके बारे में जो सूचनाएं मीडिया को दी जा रही हैं वो जनता के जानने के लिए हैं लेकिन उन सूचनाओं का फायदा उठाना तो खुफिया और सुरक्षा बलों का काम था।