अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद से जम्मू-कश्मीर में लगाई गई पाबंदी और डेढ़ महीने बाद भी हालात बदतर रहने पर क़रीब 500 शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने बयान जारी कर संचार माध्यमों पर पाबंदी, विपक्षी नेताओं और विरोध करने वालों की हिरासत, भारी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनाती और कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन का विरोध किया है।