जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 3 आतंकवादी मारे गए। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बल का एक जवान ज़ख़्मी हो गया।
सेना, राज्य पुलिस और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के साझा अभियान में जो तीन आतंकवादी मारे गए, वे सभी जैश-ए-मुहम्मद से जुड़े हुए थे। यह गुट पाकिस्तान में स्थित है, अज़हर मसूद उसका नेता है। मसूद वही आतंकवादी है जो कश्मीर की जेल में बंद था और जिसे अटल बिहारी वाजेपयी की सरकार ने काबुल विमान अपहरण कांड में रिहा किया था।
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घुसपैठ
सेना के जवान घुसपैठ रोकने के लिए नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास तैनात थे। उन्होंने भारी हथियारों से लैस इन आतंकवादियों को पाकिस्तान से अंदर घुसपैठ करने पर रोका और उसके बाद मुठभेड़ हुई।पुलवामा आतंकवादी गतिविधियों के नए केंद्र के रूप में तेज़ी से उभरा है। बीते साल सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर यहीं हमला हुआ था। ठीक वैसा ही हमला बीते हफ़्ते करने की योजना थी।
पुलवामा बन रहा है केंद्र
पिछले सप्ताह ही यहां सुरक्षा बलों ने एक गाड़ी रोकी थी जिसमें 40-45 किलोग्राम विस्फोटक थे। इसका ड्राइवर भागने में कामयाब रहा।उसकी योजना पुलवामा में ही पिछले साल 14 फरवरी को हुए भीषण आतंकवादी हमले को दुहराने की थी। उस हमले में पुलवामा के ही एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी सीआरपीएफ़ के काफ़िले से टकरा दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ़ के 40 जवान व अफ़सर शहीद हुए थे।सुरक्षा बलों को इस हमले की जानकारी पहले ही मिल चुकी थी और वे एक विस्फोटकों से लदी गाड़ी की तलाश में थे।
इसी सप्ताह सोमवार को भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के मेंढर-पुंछ इलाक़े में सोमवार को लाइन ऑफ़ कंट्रोल (एलओसी) पर 13 आतंकवादियों को मुठभड़े में मार गिराया था। भारी हथियारों से लैस तीन आतंकवादियों को राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में सोमवार सुबह मार गिराया, जबकि 10 अन्य को मेंढर में मार दिया गया।
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