जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करते समय लगभग 400 राजनेताओं को ग़िरफ़्तार किया गया था या उन्हें नज़रबंद कर दिया गया था। इनमें से बड़ी तादाद में लोग अभी भी नज़रबंद ही हैं।
नज़रबंद हैं 3 पूर्व मुख्य मंत्री!
राज्य के तीन पूर्व मुख्य मंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और नए राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर पीपल्स फ्रंट के नेता शाह फ़ैसल प्रमुख हैं। समझा जाता है कि अभी भी तकरीबन 250 राजनेता अलग-अलग जेलों में हैं या अपने-अपने घरों में नज़रबंद हैं।स्कूल खुले, छात्र नदारद
लगभग दो महीने बाद 1 अक्टूबर को राज्य के स्कूल खुले, शिक्षक और दूसरे कर्मचारी काम पर भी गए। पर छात्र स्कूल नहीं गए।
144 नाबालिग हिरासत में
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के 4-सदस्यीय जुवेनाइल जस्टिस कमिटी ने कहा है कि 5 अगस्त से 23 सितंबर के बीच राज्य में 18 साल की उम्र तक के 144 नाबालिगों को हिरासत में लिया गया। इनमें से 142 नाबालिगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इस समिति में ए. एम. मगरे, डी. एस. ठाकुर, संजीव कुमार और रशीद अली डार हैं।
जिन बच्चों को हिरासत में लिया गया, उनकी उम्र 9 से 18 साल तक थी। इनमें से 86 बच्चों को प्रीवेन्टिव डीटेंशन और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के तहत पकड़ा गया। इनमें से ज़्यादातर बच्चों को पत्थर फेंकते हुए पकड़ा गया।
आतंकवादी हमले
सुरक्षा बलों ने कश्मीर के किश्तवाड़ से 2 अक्टूबर को 4 कथित आतंकवादियों को गिरफ़्तार कर लिया है। उनका दावा है कि ये लोग किसी बड़ी आतंकवादी कार्रवाई को अंजाम देने की कोशिश में थे।
रामबन
जम्मू-कश्मीर में रामबन ज़िले के बटोटे में आतंकवादियों ने पहले सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड से हमला किया, उसके बाद एक घर में घुस गए और एक नागरिक को बंधक बना लिया है। राइफलों और हथगोलों से लैस कम से कम 5 आतंकवादियों ने टेरीटेरोयिल आर्मी के गश्ती दल को निशाना बनाया, पर उसके तुरन्त बाद वे एक घर में घुस गए और वहाँ मौजूद सभी लोगों को बंधक बना दिया। उन्होंने बाद में घर के प्रमुख विजय कुमार के अलावा सभी लोगों को छोड़ दिया। बाद में सुरक्षा बलों ने सभी जोरदार हमला किया, जिसमें गोलीबारी हुई।सोपोर
इस वारदात के कुछ ही दिन पहले 6 सितंबर को सोपोर के डांगरपोरा में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने स्थानीय लोगों पर बग़ैर किसी उकसावे के गोलियाँ चलाईं।
सोपोर में आतंकवादियों की गोलीबारी में चार लोग बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए। इसमें ढाई साल की बच्ची उस्मा जान भी थी।
त्राल
6 अगस्त को दक्षिण कश्मीर के त्राल में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादियों ने घुमंतू बकरवाल समुदाय के दो लोगों का अपहरण कर उन्हें मार डाला। मारे गए लोगों के नाम हैं अब्दुल क़ादिर कोहली और मंजूर अहमद कोहली। अब्दु का शव लिचीनाग और मंज़ूर का शव लाची टॉप बहक इलाक़े के जंगल में पाई गई थीं।
बारामुला
20 अगस्त को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने बारामुला में आतंकी हमला किया। इसमें एक सब इंस्पेक्टर और एक स्पेशल पुलिस ऑफ़िसर मारे गए थे। इसमें एक आतंकवादी भी मारा गया था।
राजनीतिक पहल?
जम्मू-कश्मीर चुनाव आयोग ने कहा है कि 310 ब्लॉक डेवलपमेंट कौंसिल के चुनाव 24 अक्टूबर को कराए जाएँगे। लेकिन राज्य सरकार ने इसके अलावा कोई दूसरी राजनीतिक पहल नहीं की है। न तो नेशनल कॉन्फ्रेंस और न ही पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट से बात शुरू करने की कोशिश की जा रही है, इनके बड़े नेता अब भी जेल मे हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुए कश्मीर पर जो पहल की थी, उसके तहत उन्होंने आतंकवादियों से बात तक शुरू करवाई थी। मौजूदा सरकार से यह उम्मीद तो नहीं की जा सकती, पर वह मुख्यधारा के राजनेताओं से तो बात कर ही सकती है, जिसकी फिलहाल कोई शुरुआत नहीं हुई है।
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