क्या फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) जल्द ही पाकिस्तान को काली सूची में डाल देगा और उसके बाद विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम जैसी वित्तीय संस्थाएँ पाकिस्तान को मदद करना बंद कर देंगी? क्या मूडीज़, स्टैंडर्ड एंड पूअर और फ़िच जैसी रेटिंग एजेन्सियाँ पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग कम कर देंगी और उसके बाद निजी कंपनियाँ भी वहाँ निवेश करने से कतराने लगेंगी? यह इस पर निर्भर करता है कि भारत की ओर से एफ़एटीएफ़ को दिए डोज़ियर में सबूत कितने पुख़्ता हैं और पाकिस्तान के जवाब से यह संगठन कितना संतुष्ट होगा।
टेरर फन्डिंग की काली सूची में डाल दिया जाएगा पाकिस्तान?
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- 18 Feb, 2019
भारत की कोशिशों कामयाब हुईं तो पाकिस्तान आर्थिक मदद देने वाली आईएमएफ़, विश्व बैंक जैसी संस्थानों की काली सूची में डाल दिया जा सकता है।
