कोरोना वायरस और उसके कारण लगे लाॅकडाउन ने ज़्यादातर उद्योगों का बंटाधार कर दिया है। लेकिन रिलायंस समूह की कंपनी जियो इसका सबसे बड़ा अपवाद है। लाॅकडाउन शुरू होने के कुछ ही समय बाद रिलायंस की संचार कंपनी जियो प्लेटफाॅर्म्स में विदेशी निवेश की जो बारिश शुरू हुई, वह अब तक जारी है।

पिछले तीन महीने से भी कम समय में जियो में 14 बड़े विदेशी निवेश हुए हैं। इनमें से दो आबू धाबी और एक सऊदी अरब की निवेशक कंपनियों को छोड़ दें तो बाकी सभी कंपनियाँ अमेरिकी हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा निवेश अमेरिकी टेक कंपनियों का है। ये कंपनियां सिर्फ तकनीकी समझौते ही नहीं कर रहीं, जियो में बाक़ायदा हिस्सेदारी ले रही हैं।