अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोमवार को स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ को "बिना किसी छूट के" 25% तक बढ़ा दिया। जिससे उन्हें उम्मीद है कि इससे यूएसए में संघर्षरत उद्योगों को मदद मिलेगी, लेकिन इससे कई मोर्चों पर ट्रेड वॉर छिड़ने का भी खतरा है।
ट्रम्प ने एल्युमीनियम पर भी अमेरिकी टैरिफ दर को अपनी पिछली 10% दर से बढ़ाकर 25% करने की घोषणा पर हस्ताक्षर किए। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि ये उपाय 4 मार्च से प्रभावी होंगे। ट्रम्प ने यह कदम अमेरिकी घरेलू उद्योग को सुरक्षा प्रदान करने और व्यापार घाटे को कम करने के मकसद से लिया उठाया है। हालांकि, इस नीति का ग्लोबल प्रभाव पड़ा है, और भारत भी इससे प्रभावित हो सकता है।
भारत स्टील और एल्युमिनियम का एक प्रमुख निर्यातक देश है। अमेरिका भारत के लिए एक बड़ा बाजार है। टैरिफ बढ़ने के कारण भारतीय स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों की कीमत अमेरिकी बाजार में बढ़ गई है, जिससे भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धा में नुकसान हो रहा है। इससे भारत का निर्यात घट सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संतुलन पहले से ही अमेरिका के पक्ष में है। टैरिफ के कारण भारत का निर्यात घटने से यह असंतुलन और बढ़ सकता है। इससे भारत को अपने व्यापारिक संबंधों को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता होगी। संयोग से ट्रम्प ने यह घोषणा ऐसे समय की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएस की यात्रा करने वाले हैं। मोदी इस मुद्दे पर ट्रम्प से बात कर सकते हैं और भारत के लिए राहत पा सकते हैं।
टैरिफ के कारण भारतीय स्टील और एल्युमिनियम उद्योग को निर्यात के विकल्प तलाशने होंगे। इससे घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ सकती है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा, उद्योग को नए बाजारों की तलाश करनी होगी, जो एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है।
ट्रम्प की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार में तनाव पैदा किया है। भारत को भी अन्य देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता होगी ताकि वह अमेरिकी बाजार में होने वाले नुकसान की भरपाई कर सके।
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