वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ दिन पहले ही यह दावा किया कि अर्थव्यवस्था सुधरने के पर्याप्त संकेत हैं और देश मंदी के दौर में नहीं है। इसके उलट सरकार के ही आँकड़े बता रहे हैं कि आर्थिक स्थिति सुधर नहीं रही है, वरन और बिड़ती ही जा रही है। पिछले छह महीने में कर उगाही राजस्व लक्ष्य से काफ़ी कम हुआ है। इसकी कोई संभावना नहीं है कि वित्तीय वर्ष के अंत तक यह लक्ष्य हासिल कर ले। लक्ष्य से कम कर उगाही मंदी का साफ़ संकेत है।
आर्थिक मंदी का एक और संकेत, कर उगाही लक्ष्य से कम
- अर्थतंत्र
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- 19 Sep, 2019
प्रत्यक्ष कर उगाही लक्षय से कम है, इसी तरह जीएसटी उगाही भी लक्ष्य से कम है। इससे साफ़ है कि आर्थिक मंदी गहराती जा रही है। इससे वित्तीय घाटे के बढने की भी आशंका है।
