अगर आपने शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में पैसे निवेश किये हैं तो आप अपनी जमा पूंजी में भारी गिरावट देख रहे होंगे। बाज़ार लगातार गिरता ही जा रहा है। अहम सवाल है कि आम निवेशकों को क्या करना चाहिये? क्या पैसे नुकसान पर ही निकाल लें? क्या बाज़ार में बने रहें? क्या अपना निवेश सस्ते हुए बाज़ार में और बढ़ा दें?

शेयर बाजार में तेज गिरावट से निवेशकों में चिंता बढ़ी। इस समय सही रणनीति अपनाकर नुकसान से बचा जा सकता है। जानिए बाजार क्रैश में निवेशकों को क्या करना चाहिए।
भारत का बजट लगभग 50 लाख करोड़ रुपये का है। इसका आठवां हिस्सा, यानी 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के निवेशक पिछले चंद सप्ताह में गंवा चुके हैं। बीएसई का मार्केट कैपिटलाईज़ेशन जो 400 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका था, अब गिरकर 396 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुका है। 27 सितंबर, 2024 को बीएसई सेंसेक्स अपनी ऐतिहासिक ऊँचाई 85,978 पर पहुंचा था जो अब 74,600 के आसपास कारोबार कर रहा है। यानी सेंसेक्स ने मात्र चार-पांच महीनों के भीतर अपने उच्चतम स्तर से 14 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी का भी यही हाल है। एक आम निवेशक का एक लाख रुपये का निवेश औसतन लगभग 15 से 20 हज़ार रुपये कम हो चुका है।