देश के आर्थिक स्वास्थ्य की स्थिति बताने वाले हर इंडिकेटर्स नीचे की ओर जा रहे हैं। बेरोज़गारी रिकॉर्ड स्तर पर है। लोगों के पास ख़रीदने की क्षमता कम हो गई है। ऐसे में अर्थव्यवस्था कैसे संभलेगी? सत्य हिंदी के लिए देखिए आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।