'एक था राजा। एक थी रानी। ख़तम कहानी।' यह कहानी तो आपने दादा-दादी से सुनी ही होगी! यही कहानी भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई में दोहराने की कोशिश हुई! एक, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण थीं। एक रहस्यमयी 'हिमालय के योगी'। इस अज्ञात 'योगी' को चित्रा एनएसई की पूरी गोपनीय जानकारी साझा करती रहीं। उसकी सलाह से फ़ैसले लेती रहीं। जब यह खुलासा हुआ तो एनएसई बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि धीरे से एनएसई से उनका इस्तीफ़ा लेकर एक तरह से मामला रफा-दफा करने की कोशिश की! लेकिन यह कहानी ख़त्म नहीं हुई। स्टॉक एक्सचेंज की नियामक संस्था सेबी के एक आदेश से कहानी तो अब शुरू हुई है।
रहस्यमयी 'योगी' कौन जिसकी सलाह से फ़ैसले लेती थीं एनएसई की पूर्व एमडी?
- अर्थतंत्र
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- 17 Feb, 2022
हर रोज़ लाखों करोड़ का कारोबार करने वाले एनएसई की प्रमुख क्या एक ऐसे 'हिमालयी योगी' की सलाह से फ़ैसले ले सकती है जिससे वह कभी नहीं मिली? 'योगी' से ई-मेल मिला और एनएसई में फ़ैसले हो गए! क्या ऐसा विचित्र मामला आपने पहले सुना?

दरअसल, यह एक विचित्र कहानी है। यह कहानी है उस नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई की जहाँ शेयर की ख़रीद-फरोख्त होती है और मिनटों में लाखों करोड़ का कारोबार होता है। इसी एक्सचेंज की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण ई-मेल पर एक रहस्यमी 'योगी' से मिले निर्देश या सलाह के आधार पर फ़ैसले लेती रहीं। चित्रा का कहना है कि वह उनसे 20 साल से गाइड लेती रही थीं, एनएसई की गोपनीय जानकारी भी साझा करती रहीं। तो सवाल है कि आखिर वह 'योगी' कौन है?