'एक था राजा। एक थी रानी। ख़तम कहानी।' यह कहानी तो आपने दादा-दादी से सुनी ही होगी! यही कहानी भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई में दोहराने की कोशिश हुई! एक, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण थीं। एक रहस्यमयी 'हिमालय के योगी'। इस अज्ञात 'योगी' को चित्रा एनएसई की पूरी गोपनीय जानकारी साझा करती रहीं। उसकी सलाह से फ़ैसले लेती रहीं। जब यह खुलासा हुआ तो एनएसई बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि धीरे से एनएसई से उनका इस्तीफ़ा लेकर एक तरह से मामला रफा-दफा करने की कोशिश की! लेकिन यह कहानी ख़त्म नहीं हुई। स्टॉक एक्सचेंज की नियामक संस्था सेबी के एक आदेश से कहानी तो अब शुरू हुई है।