भारत के गाँवों में पिछले 5 साल में 4 प्रतिशत ग़रीबी बढ़ी है, यानी लगभग 3 करोड़ लोग आधिकारिक ग़रीबी रेखा से नीचे चले गए हैं। यह ऐसे समय हुआ है, जब इसी दौरान शहरी क्षेत्रों में ग़रीबी में 5 प्रतिशत की कमी हुई है।