आर्थिक मोर्चे पर सरकार के साथ-साथ अब आम लोगों के लिए भी बुरी ख़बर है। गिरती विकास दर के बीच अब महँगाई बेतहाशा बढ़ गई है। यानी ख़ुदरा में सामान खरीदना आम लोगों के लिए पहुँच से बाहर होता जा रहा है। अब दिसंबर महीने की रिपोर्ट आई है कि रिटेल इन्फ़्लेशन यानी ख़ुदरा महँगाई दर 7.35 फ़ीसदी पहुँच गई है। यह आरबीआई द्वारा तय ऊपरी सीमा से ज़्यादा है। रिज़र्व बैंक ने 2-6 फ़ीसदी की सीमा तय कर रखी है कि महँगाई दर को इससे ज़्यादा नहीं बढ़ने देना है। इसका साफ़ मतलब है कि महँगाई दर ख़तरे के निशान को पार कर गई है। महँगाई को नियंत्रण में रखने का दंभ भरने वाली बीजेपी सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती है।
महँगाई बेतहाशा बढ़ी, आरबीआई की तय ऊपरी सीमा लाँघ 7.35% पर पहुँची
- अर्थतंत्र
- |
- 13 Jan, 2020
सरकार के साथ-साथ अब आम लोगों के लिए भी बुरी ख़बर है। गिरती विकास दर के बीच अब महँगाई बेतहाशा बढ़ गई है। यानी ख़ुदरा में सामान खरीदना आम लोगों के लिए पहुँच से बाहर होता जा रहा है।
