गूगल, एप्पल, फ़ेसबुक और एमेजॉन जैसी बड़ी और अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनियों का बाज़ार पर एकाधिकार जल्द ही ख़त्म हो सकता है। यह भी हो सकता है कि इन कंपनियों को छोटी-छोटी कंपनियों में बाँट दिया जाए। यह इस पर निर्भर है कि अमेरिका में एंटी-ट्रस्ट नियमों में कितना और कैसा बदलाव किया जाता है। फ़िलहाल तो वहां होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की गहमागहमी में यह बात दब जा सकती है, पर चुनाव के बाद नए प्रशासन को इस सवाल से जूझना होगा।