रिजर्व बैंक का कहना है - ऑल इज वेल। आरबीएल बैंक के नए मुखिया अंतरिम सीईओ राजीव आहूजा का भी कहना है -ऑल इज वेल। लेकिन इन दोनों के जगाए भी भरोसा क्यों नहीं जग रहा है? कुछ तो पर्देदारी है। आखिर आरबीएल बैंक में हुआ क्या है कि कई सालों से निवेशकों की आंख का तारा रहा यह बैंक अचानक यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक की कतार में खड़ा हुआ नज़र आ रहा है।
आरबीएल बैंक मैनेजमेंट क्यों सफ़ाई दे रहा है- डिपॉजिटर, निवेशक घबराएं नहीं?
- अर्थतंत्र
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- 29 Dec, 2021

आरबीएल बैंक के शेयरों की क़ीमत में भारी गिरावट आई थी। क्या इस बैंक में उथल-पुथल का दौर चल रहा है और बैंक के मैनेजमेंट को क्यों कहना पड़ रहा है कि सबकुछ ठीक है?
और इससे बड़ा सवाल यह है कि क्या हुआ है जिसके बारे में न तो बैंक का मैनेजमेंट कुछ कह रहा है और न ही आरबीआई? रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंक में नकदी की कोई किल्लत नहीं है और खाताधारकों को घबराने की ज़रूरत नहीं है। आरबीएल बैंक के मैनेजमेंट का कहना है कि शुक्रवार से रविवार तक जो कुछ हुआ उसका बैंक के कामकाज या आर्थिक स्थिति से कोई रिश्ता नहीं है। यानी न तो डिपॉजिटरों को घबराने की ज़रूरत है और न ही निवेशकों को।