मेहुल चौकसी याद हैं? या विजय माल्या? ये वे हैं जिन्होंने बैंकों से हज़ारों करोड़ रुपये कर्ज लिए। बाद में डिफाल्टर घोषित हुए और एक दिन पता चला कि वे देश छोड़कर ही भाग गए। यानी बैंकों के हज़ारों करोड़ रुपये गए!
2600 कॉर्पोरेट विलफुल डिफॉल्टर, इनके प्रमोटर मेहुल की तरह देश छोड़ भागे तो?
- अर्थतंत्र
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- 23 Dec, 2024
आरबीआई के अनुसार 2600 से ज़्यादा कंपनियाँ विलफुल डिफ़ॉल्टर घोषित की गई हैं। इनको दिए गए हज़ारों करोड़ रुपये के कर्ज से बैंकों और कॉर्पोरेट सेक्टर पर कितना बड़ा जोखिम है?

क्या आपको पता है कि कितने ऐसे कॉर्पोरेट हैं जिनको आरबीआई ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर रखा है? 10, 20, 50 नहीं, ऐसी संख्या हज़ारों में है। 2600 से भी ज़्यादा। एक-एक कॉर्पोरेट हज़ारों करोड़ रुपये बैंकों से कर्ज के रूप में ले गए और न तो पैसे का भुगतान समय पर किया और न ही जिस काम के लिए कर्ज के रूप में पैसे लिए उनको उस काम में इस्तेमाल किया। यानी उन रुपयों को लेकर कॉर्पोरेटों ने अपनी मनमर्जी चलाई। मार्च तक ही ऐसे डिफॉल्टरों पर 1 लाख 96 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा बकाया था।