यदि आपको लगता है कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के बड़े मामले आने के बाद बैंक धोखाधड़ी कम हो गई होगी तो आप ग़लत हैं। दरअसल, ऐसी धोखाधड़ी काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। यह किसी विपक्षी दल के आरोप नहीं हैं, बल्कि सरकारी संस्था रिज़र्व बैंक के आँकड़ों से पता चलता है। ‘लाइव मिंट’ के अनुसार रिज़र्व बैंक ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 2020 में बैंक धोखाधड़ी की रक़म दोगुनी हो गई है। इस वित्तीय वर्ष में 1.85 ट्रिलियन यानी क़रीब 18 खरब 50 अरब रुपये की धोखाधड़ी होने की रिपोर्ट सामने आई है। हालाँकि रक़म दोगुनी हो गई है, लेकिन धोखाधड़ी के मामले 28 फ़ीसदी ही बढ़े हैं। ‘न खाऊँगा और न खाने दूँगा’ का नारा देने वाली सरकार के कार्यकाल में ऐसी रिपोर्ट का आना चौंकाता है।
इस साल बैंक धोखाधड़ी दोगुनी 18 खरब रुपये से ज़्यादा: रिज़र्व बैंक रिपोर्ट
- अर्थतंत्र
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- 25 Aug, 2020
रिज़र्व बैंक ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 2020 में बैंक धोखाधड़ी की रक़म दोगुनी हो गई है। इस वित्तीय वर्ष में 1.85 ट्रिलियन यानी क़रीब 18 खरब 50 अरब रुपये की धोखाधड़ी होने की रिपोर्ट सामने आई है।
