गाँवों में नदी किनारे के रहनेवाले अच्छी तरह जानते हैं कि बाढ़ के कहर की असली तस्वीर पानी उतरने के बाद ही सामने आती है। यहाँ तक कि पानी उतरने के बाद भी जो मिट्टी के मकान साबुत खड़े दिखते हैं धूप निकलते ही वो चिटक कर ढहने लगते हैं।