जब टमाटर डेढ़ सौ रुपए किलो मिल रहे हों, उस वक़्त कोई कहे कि पेट्रोल पंद्रह रुपए प्रति लीटर मिल सकता है या मिलेगा तो क्या होगा? पहले तो कानों पर यकीन नहीं होगा, और फिर लगेगा कि कोई झाँसा दे रहा है। बहुत से लोगों को याद आएगा कि क़रीब दस साल पहले इसी देश में एक स्वामी जी चालीस रुपए लीटर पेट्रोल और चार सौ रुपए में गैस सिलिंडर मिलने का दावा करते थे। मगर इस बार यह बात आसानी से हंसी में नहीं उड़ाई जा सकती। वजह यह है कि यह दावा किया है केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने। उनका रिकॉर्ड ऐसा है कि उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाता है। तब भी जब वो बात लगभग असंभव लग रही हो।

केंद्रीय मंंत्री नितिन गडकरी आख़िर किस आधार पर दावा कर रहे हैं कि क़रीब 100 रुपये प्रति लीटर मिलने वाला पेट्रोल 15 रुपये प्रति लीटर मिलने लगेगा? यह कैसे संभव है? गडकरी के पास कौन सी जादू की छड़ी आ गई!
नितिन गडकरी ने यह दावा पिछले हफ्ते राजस्थान में किया। उन्होंने प्रतापगढ़ में एक जनसभा में कहा कि अगले महीने वो टोयोटा कंपनी की ऐसी गाड़ियाँ लॉन्च करने जा रहे हैं जो एथनॉल पर चलेंगी। इसके साथ ही उन्होंने हिसाब बताया कि साठ परसेंट एथनॉल और चालीस परसेंट बिजली का इस्तेमाल होने लगा तो पेट्रोल का भाव पंद्रह रुपए प्रति लीटर हो जाएगा। यही नहीं, उन्होंने दावा किया कि देश का किसान अब सिर्फ अन्नदाता ही नहीं, बल्कि ऊर्जादाता भी बन जाएगा। गडकरी ने कहा कि कच्चे तेल के इंपोर्ट पर खर्च होनेवाले सोलह लाख करोड़ रुपए किसानों के घरों में जाएंगे जिससे गांव समृद्ध और संपन्न बनेंगे।