केंद्रीय मंंत्री नितिन गडकरी आख़िर किस आधार पर दावा कर रहे हैं कि क़रीब 100 रुपये प्रति लीटर मिलने वाला पेट्रोल 15 रुपये प्रति लीटर मिलने लगेगा? यह कैसे संभव है? गडकरी के पास कौन सी जादू की छड़ी आ गई!
तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सत्तारूढ़ बीजेपी ने पेट्रोलियम उत्पादों की बेतहाशा बढ़ती कीमतों से जिस तरह पल्ला झाड़ लिया है और इसके लिए पूर्व कांग्रेसी सरकार के ऊपर ठीकरा फोड़ दिया है, उससे कई अहम सवाल खड़े होते हैं।
पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ी कीमतों के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों ने संसद में ज़ोरदार नारेबाजी की, हंगामा किया और संसद की कार्यवाही रोकनी पड़ी। ऐसा एक बार नहीं, कई बार हुआ।
क्या पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों का बढ़ना जारी रहेगा और जल्द ही यह पूरे देश में 100 रुपए प्रति लीटर से ज़्यादा हो जाएगा और उसे ही सामान्य औसत मान लिया जाएगा? क्या केंद्र सरकार इसे रोकने में सक्षम है या वह इसे रोकना ही नहीं चाहती?
कांग्रेस की आपत्ति है कि पेट्रोल की क़ीमतें रिकॉर्ड बढ़ीं, 100 रुपये से ऊपर जा पहुँचा और अमिताभ बच्चन व अक्षय कुमार जैसे अभिनेताओं ने इस पर ट्वीट क्यों नहीं किया?
मध्य प्रदेश सबसे महंगा सादा पेट्रोल बेचने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सूबे में सादे पेट्रोल के दाम 100 रुपये के आँकड़े को पार करते हुए भारत में सबसे महंगा पेट्रोल बेचने के रिकॉर्ड को छू गया है।