शुक्रवार को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन आर्थिक मंदी से निपटने के 33 उपायों की घोषणा कर रही थीं, तब उन्होंने कई बार मीडिया से उसका ‘प्रचार’ करने में सहयोग करने की माँग की। उन्होंने उस समय पत्रकारों से सवाल भी लिए और ख़ुशी-ख़ुशी उसके जबाब भी दिए। पर लगता है कि उनके सहयोग की अपील का असर पहले से था क्योंकि किसी भी पत्रकार ने यह नहीं पूछा कि अभी तो बजट पेश हुए पचास दिन भी नहीं हुए हैं, तो तब क्या मंदी नहीं दिख रही थी।