इसे कूटनैतिक तैयारी का हिस्सा या विदेश नीति का शुभ पक्ष माना जाना चाहिए कि भारत ने कश्मीर पर एक बड़ा फ़ैसला करने के बाद से पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले हंगामे और राजनयिक संबन्धों के बारे में उठाए जाने वाले क़दमों की प्रतिक्रिया बहुत ही संयत ढंग से दी है। अनेक आंतरिक और राजनयिक मोर्चे पर हाल के दिनों में भारत से पटखनी खा चुके पाकिस्तान की प्रतिक्रिया तो हैरान करने वाली है और उसके साथ उसी स्तर पर आकर प्रतिक्रिया नहीं की जा सकती।
पाकिस्तान की बौखलाहट के 'इम्तहान' में भारत पास या फ़ेल?
- विचार
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- 29 Mar, 2025

पाकिस्तान सचमुच बौखला गया है। इसके अनेक घरेलू कारण हैं और कश्मीर को वहाँ की आंतरिक राजनीति में लगातार एक मुद्दा बनाए रखा जाता है। इसे अपनी ग़लतियाँ, कमज़ोरियाँ और असफलताओं को छुपाने के औजार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। आज फिर पाकिस्तान काफ़ी कमज़ोर दिख रहा है।
कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के फ़ैसले पर पाकिस्तान रोज़ नया हंगामा कर रहा है। पहले राजनयिक सम्बन्धों का स्तर कम करने और उसके तहत अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने, भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेजने और व्यापारिक रिश्ते ख़त्म करने का फ़ैसला किया और फिर अगले दिन उसने जब समझौता एक्सप्रेस का परिचालन बंद करने का निर्णय लिया तो यात्रियों से भरी रेलगाड़ी को वाघा स्टेशन पर ही लाकर छोड़ दिया।