इस बजट में वित्तमंत्री ने कई हाथों को कुछ न कुछ बड़ी-छोटी सौगात थमाने की कोशिश की है। हालाँकि, सरकार की घोषित नीति के तहत रेवड़ियाँ बाँटने से परहेज साफ़ दिखता है। लेकिन बहुत बड़े उद्योगपतियों और क़ारोबारियों से लेकर गाँव, गरीब और महिलाओं तक को कुछ ऐसा देने की कोशिश भी साथ दिखती है जिससे उनका और देश का भविष्य कुछ सुरक्षित और मज़बूत हो सके। कई साल से मध्यवर्ग की शिकायत थी कि उसे कुछ नहीं मिलता, तो इस बार टैक्स छूट की शक्ल में उन्हें भी खुश करने की कोशिश की गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की ख़ास बातें क्या हैं? क्या यह चुनाव को लेकर कसरत भर है? जानिए, उद्योगपतियों और अमीरों और अन्य वर्गों के लिए क्या है इसमें।
बजट की शाम सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात पर थी कि इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में सात लाख तक की कमाई को टैक्स फ्री करने से किसे कितना फायदा मिलने वाला है। यह चर्चा अभी तक जारी है और तमाम लोग हिसाब जोड़ने में जुटे हैं कि अगर वो पुरानी व्यवस्था में टैक्स बचाने के सारे इंतज़ाम कर लें तो ज्यादा फायदे में रहेंगे या बिना कोई छूट लिए नई व्यवस्था चुनकर।