एक दिन बाद जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर रही होंगी तब उनके सामने 2020 की भारत की अर्थव्यवस्था की वह तस्वीर होगी जो पहले से ज़्यादा बदहाली की कगार पर है। बाज़ार में माँग कम है। उत्पादन में भारी गिरावट आई है। करोड़ों लोगों के रोज़गार ख़त्म हो गए यानी बेरोजग़ारी बढ़ी है। महँगाई बेतहाशा बढ़ी है और यह पाँच साल के उच्चतर स्तर पर है। अधिकतर कोर सेक्टरों की वृद्धि नकारात्मक हो गई है। इसी बीच वित्त मंत्री के सामने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ की वह रिपोर्ट भी होगी जिसमें उसने 2019 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर को 6.1 से घटाकर 4.8 कर दिया है।