नया साल आते ही अब बजट का शोर तेज़ हो जाता है। आखिर इस सरकार ने बजट की तारीख एक महीना पहले भी तो कर दी है। फरवरी की आखिरी तारीख के बजाय अब फरवरी के पहले दिन ही बजट आने लगा है। तर्क है कि इससे बजट समय से पास हो सकता है और अगला वित्तवर्ष शुरू होने के पहले ही सरकार को काम शुरू करने का अख्तियार मिल जाता है। इसका एक नतीजा यह भी हुआ है कि नए साल के बाद जब तक आम लोगों को बजट की याद आती है उससे पहले ही सरकार बजट पर ज्यादातर काम ख़त्म कर चुकी होती है।