किसानों का क़र्ज़ माफ़ करने और ग़रीबों को हर महीने कुछ पैसे देने के फ़ैसले के लिए राहुल गाँधी की आलोचना करने और उनका मजाक उड़ाने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने कार्यकाल में बड़े औद्योगिक घरानों के 5.50 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का क़र्ज़ माफ़ कर दिया। औद्योगिक घरानों के प्रति यह दरियादिली उस सरकार ने दिखाई है, जो पेट्रोल-डीज़ल, रसोई गैस और किरासन तेल जैसी ज़रूरी और आम लोगों के इस्तेमाल की चीजों पर सब्सिडी में ज़बरदस्त कटौती यह कह कर की कि सरकार के पास पैसे नहीं हैं।