क्या सरकार कृषि विधेयकों पर किसानों के गुस्से से डर गई है? या उसे अपने ही मंत्रिमंडल के एक सहयोगी के इस्तीफ़े ने हिला दिया है? या सरकार इन विधेयकों का हो रहे ज़बरदस्त विरोध की हवा निकालने की रणनीति पर चल रही है?