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पूर्णिमा दास
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मैकडॉनल्ड्स ने अमेरिका में अपने सभी कार्यालय फ़िलहाल अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट-फूड श्रृंखलाओं में से एक यह कंपनी अपने कॉर्पोरेट कर्मचारियों को छँटनी के नए दौर के बारे में बताने की तैयारी कर रही है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट दी है कि कंपनी ने अपने अमेरिकी कर्मचारियों को सोमवार से बुधवार तक घर से काम शुरू करने के लिए पिछले हफ्ते एक मेल भेजा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि मैकडॉनल्ड्स ने यह फ़ैसला इसलिए लिया ताकि वह कर्मचारियों को छँटनी के बारे में वर्चुअली ख़बर दे सके।
यह साफ़ नहीं है कि कितने कर्मचारियों को निकाला जाएगा। समझा जाता है कि बुधवार तक इसकी घोषणा की जा सकती है। इसने जनवरी में ही कहा था कि वह एक व्यापार रणनीति के रूप में कॉर्पोरेट स्टाफ के स्तर की समीक्षा करेगी, जिससे कुछ क्षेत्रों में छंटनी हो सकती है।
मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि मैकडॉनल्ड्स ने कथित तौर पर मेल में लिखा है, '3 अप्रैल के सप्ताह के दौरान, हम पूरे संगठन में भूमिकाओं और कर्मचारियों के स्तर से संबंधित प्रमुख निर्णयों की जानकारी भेजेंगे।' कर्मचारियों को इस सप्ताह होने वाली सभी व्यक्तिगत बैठकों को रद्द करने के लिए भी कहा गया है।
बढ़ती ब्याज दरों के कारण आर्थिक मंदी की चिंताओं की वजह से पूरे कॉर्पोरेट अमेरिका में बड़े पैमाने पर नौकरी में कटौती की गई है। गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली जैसे वॉल स्ट्रीट बैंकों से लेकर अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट सहित बड़ी टेक फर्मों तक ने छंटनी की है।
पिछले महीने ही मार्क जुकरबर्ग के मेटा में भी छंटनी की ख़बर आई थी। तब इसने फिर से 10,000 कर्मचारियों को छंटनी करने का फ़ैसला किया था। तब द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कर्मचारियों को एक ईमेल में मेटा के सीईओ जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी आने वाले महीनों में नौकरी में कई दौर की कटौती करेगी। इसके साथ ही कुछ परियोजनाओं को कंपनी रद्द कर देगी और नयी भर्ती को कम कर देगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 10,000 नौकरियों में कटौती के साथ-साथ, मेटा 5,000 खाली पदों को भी नहीं भरेगा।
इससे पहले भी इसने 10 हज़ार से ज़्यादा कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया था। नवंबर में मेटा ने घोषणा की थी कि वह अपने कर्मचारियों की संख्या का 13% यानी 11,000 से अधिक श्रमिकों को हटा देगा। कहा गया कि कंपनी के इतिहास में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार छंटनी की गई।
ट्विटर ने भी बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों को बाहर निकाला है। रिपोर्ट तो यह है कि इसने 90 फ़ीसदी भारतीय कर्मचारियों को छुट्टी कर दी है और अब बस कुछ गिनती भर कर्मचारी रह गए हैं। कहा जा रहा है कि दुनिया भर में ट्विटर के क़रीब आधे कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है।
अमेरिकी टेक कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों में भारतीय भी शामिल हैं। अस्थायी वीजा पर अमेरिका में रह रहे सैकड़ों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं और उनके पास नया वीजा खोजने के लिए बहुत कम समय बचा है।
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