भविष्य निधि यनी प्रॉविडेंट फंड (पीएफ़) में निवेश करने वालों के लिए बुरी ख़बर है। उन्हें ब्याज की पूरी रकम एक बार में नहीं मिलेगी। इस पर सरकार 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देती है। वह इसका 8.15 प्रतिशत तो अभी दे देगी, पर बाकी का 0.35 प्रतिशत दिसंबर के अंत तक देगी। इसका असर यह होगा कि कोई यदि अभी पीएफ़ से पैसा निकालता है तो उसे ब्याज का यह हिस्सा 31 दिसंबर तक मिलेगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने बुधवार को कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 का ब्याज दो किश्तों में दिया जाएगा। ब्याज का 8.15 प्रतिशत अभी अभी दे दिया जाएगा, पर बाकी का 0.35 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी ट्रेडेड फंड से पैसा मिलने के बाद दिया जाएगा। यदि इक्विटी ट्रेडेड फंड का पैसा उस समय तक नहीं आता है तो बस यही ब्याज मिलेगा जो अब तक मिला हुआ है। पीएफ़ पर फ़िलहाल मिलने वाला 8.5 प्रतिशत ब्याज सात साल के निम्नतम पर स्तर है। इसके पहले सबसे कम 8 प्रतिशत ब्याज 1977-78 में दिया गया था।
बुधवार को पीएफ़ के ट्रस्टी बोर्ड ने कहा कि 58 हज़ार करोड़ का भुगतान अभी कर दिया जाएगा, पर बाकी का 2,700 करोड़ दिसंबर में ही दिया जाएगा। यह प्रस्ताव फिलहाल वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने पहले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश किये गये पैसे को निकालने की योजना बनाई थी। यह फ़ैसला इसलिए लिया गया था कि अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का पूरा भुगतान किया जा सके। लेकिन कोरोना के कारण बाज़ार में ज़ोरदार उठाफटक हुई और उस कारण बेचना मुश्किल हो गया।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का केन्द्रीय ट्रस्टी बोर्ड, कोई भी फ़ैसला लेने वाली शीर्ष संस्था है। दिसंबर 2020 में इसकी बैठक फिर होगी। इसमें भविष्य निधि अंशधारकों के खातों में 0.35 प्रतिशत की दर से ब्याज की बकाया राशि का भुगतान किये जाने पर गौर किया जायेगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ट्रस्टी बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
अपनी राय बतायें