आर्थिक सुधार की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से उभरी है और देश ने आर्थिक विकास भी किया है, पर इसके साथ ही ग़रीब और अमीरों के बीच की खाई भी पहले से अधिक चौड़ी हुई है। नतीजा यह निकला है कि आर्थिक विकास का एक बड़ा हिस्सा पहले से संपन्न लोगों के पास ही है।