ऐसे समय जब भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी पटरी पर नहीं लौटी है, खाने-पीने और घरेलू इस्तेमाल की दूसरी चीजों की कीमतें तेज़ी से बढ़ी हैं। सब्जियाँ, किराना की चीजें महंगी हुई हैं और परिवहन खर्च बढ़ा है।