चुनाव आयोग ने असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विस्व सर्मा को राहत देते हुए चुनाव प्रचार पर लगी रोक 48 घंटे से घटा कर 24 घंटे कर दी है। विस्व सर्मा शनिवार शाम से ही चुनाव प्रचार कर सकेंगे।
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विस्व सर्मा ने बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के नेता हग्रामा मोहिलारी को धमकी दी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, हिमंत बिस्व शर्मा ने 28 मार्च को वह आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था, '...अगर हाग्रामा मोहिलरी अतिवाद करता है ... वह जेल जाएगा। यह सीधी बात है... पहले से ही बहुत सारे सबूत मिले हैं। यह मामला एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को दिया जा रहा है। कोकराझार में एक कार में हथियारों की बरामदगी के मामले को एनआईए को दिया जा रहा है। किसी को भी बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन में अशांति करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, भले ही वह हाग्रामा हो ...'
कांग्रेस की शिकायत
कांग्रेस ने 30 मार्च को चुनाव आय़ोग को सौंपी शिकायत में आरोप लगाया था कि कि हिमंता बिस्वा सरमा ने मोहिलारी को सार्वजनिक रूप से धमकी दी है। इसमें सरमा ने कथित तौर पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मोहिलारी को जेल भेजने की बात कही है। चुनाव आयोग ने हिमंत को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, '... आयोग बीजेपी नेता और स्टार प्रचारक हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा दिए गए अभद्र बयानों की कड़ी निंदा करता है... आयोग उन्हें मीडिया में (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया, आदि) इस चुनाव प्रचार से जुड़े किसी भी सार्वजनिक सभा, जुलूस, रैली, रोड शो, साक्षात्कार और सार्वजनिक बात करने से तत्काल प्रभाव से 48 घंटों के लिए रोक लगाता है।'
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