भारत ने यह साफ़ कर दिया है कि वह रीजनल कॉम्प्रेहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) में शामिल नहीं होगा। इस क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग संगठन में अब 15 देश होंगे और समझा जाता है कि इस पर अगले साल दस्तख़त हो जाएगे। भारत की चिंता यह है कि चीनी उत्पाद भारतीय बाज़ार पर छा जाएंगे और इससे भारतीय उद्योग व्यवसाय पर इसका बुरा असर पडेगा।
क्षेत्रीय आर्थिक संगठन आरसीईपी में शामिल नहीं होगा भारत, मोदी ने किया एलान
- अर्थतंत्र
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- 4 Nov, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ़ शब्दों में कह दिया है कि भारत क्षेत्रीय आर्थिक संगठन आरसीईपी में शामिल नहीं होगा। सीमा शुल्क और बाज़ार खोलने के मुद्दे पर भारत की चिंताओं को दुरुस्त नहीं किया गया है।
