भारत ने यह साफ़ कर दिया है कि वह रीजनल कॉम्प्रेहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) में शामिल नहीं होगा। इस क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग संगठन में अब 15 देश होंगे और समझा जाता है कि इस पर अगले साल दस्तख़त हो जाएगे। भारत की चिंता यह है कि चीनी उत्पाद भारतीय बाज़ार पर छा जाएंगे और इससे भारतीय उद्योग व्यवसाय पर इसका बुरा असर पडेगा।