लीजिए, महंगाई का आँकड़ा आ गया। जैसी कि पहले से आशंका थी यह बढ़ी है। मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर 6.95 फ़ीसदी रही है। यह लगातार तीसरा महीना है जब महंगाई दर रिजर्व बैंक द्वारा तय सीमा से ऊपर है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस महंगाई को 6 प्रतिशत की सीमा के अंदर रखने का लक्ष्य रखा है। यानी मौजूदा महंगाई की दर लगातार तीसरे महीने ख़तरे के निशान के पार है और लगातार बढ़ रही है। तो क्या सरकार से यह नियंत्रित नहीं हो पा रही है?
महंगाई मार गई! खुदरा मुद्रास्फीति 6.95% हुई; सरकार से बेकाबू?
- अर्थतंत्र
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- 12 Apr, 2022
सरकार महंगाई नियंत्रित क्यों नहीं कर पा रही है? लगातार रिजर्व बैंक द्वारा तय सीमा के बाहर खुदरा महंगाई आख़िर क्यों बनी हुई है? जानिए, ताजा आँकड़ों में देश की क्या है स्थिति।

आप इसका ख़ुद ही अंदाज़ा लगाइए। भारत की खुदरा महंगाई फरवरी के महीने में बढ़कर 6.07 प्रतिशत हो गई थी। यह जनवरी महीने में 6.01 फ़ीसदी थी। और अब सात के आसपास पहुँचने को है। पेट्रोल-डीजल के दाम अलग से बढ़े हैं। यानी इसका असर हुआ तो क्या आगे और भी यह मुद्रास्फीति बढ़ेगी?