चुनाव का दबाव ही सही पर अगर सरकार ने बैंक की छोटी जमा पर सूद की दर घटाने के निर्णय को कुछ घंटों में भूल बताकर वापस ले लिया तो इस बात की भी खैर माननी चाहिए। इसमें मीडिया और खास तौर से सोशल मीडिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी जो लोगों को सूचित करने से भी ज़्यादा तत्काल उनकी प्रतिक्रिया का अन्दाजा देने में सफल रही और उस प्रतिक्रिया के साथ सरकार को बंगाल और असम चुनाव के मैदान में अपने पांव उखड़ने का डर था।