केंद्र सरकार जब किसान कानून की खामियाँ स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और कृषि मंत्री कह चुके हैं कि विपक्ष ने उन्हें कृषि कानून में कुछ ग़लत नहीं बताया है, तब नोटबंदी और जीएसटी के फायदों की बात कोई  नहीं कर रहा है। यह भी नहीं कहा जा रहा है कि इस सरकार के फ़ैसले ऐसे ही हैं और नोटबंदी, जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था ख़राब हुई है। पर उसे दूर करने की बजाय कृषि कानून ले आया गया और उसकी खामी बताने तथा किसानों के भारी व लंबे विरोध के बावजूद उनकी नहीं सुनी जा रही है।