यदि सोना गिरवी रखकर बैंक से कर्ज लिया तो लोग कर्ज तय समय में क्यों चुका नहीं पा रहे हैं? ऐसा करने वालों की संख्या अचानक से क्यों बढ़ गई? अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बैंकों को उन कर्जों को एनपीए यानी नॉन पर्फोर्मिंग एसेट्स में डालना पड़ रहा है। तो सवाल है कि ऐसी स्थिति क्यों आन पड़ी? क्या लोगों की इतनी आमदनी कम हो गई? क्या अर्थव्यवस्था की नब्ज ठीक नहीं है?
सोना गिरवी रख कर्ज लेने वाले क्यों नहीं चुका पा रहे, कमाई घट गई?
- अर्थतंत्र
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- 1 Jan, 2025
सोना गिरवी रख लिए गए कर्ज को लोग आख़िर चुकाने की हालत में क्यों नहीं हैं? ऐसे कर्ज का एनपीए होने में 30% की बढ़ोतरी क्यों हो गई? जानें वजह।

ये सवाल इसलिए कि अप्रैल-जून में गोल्ड लोन एनपीए में 30% की बढ़ोतरी हुई है। यदि सिर्फ़ वाणिज्यिक बैंकों की बात करें तो इन्होंने जून 2024 तक गोल्ड लोन एनपीए में 62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो मार्च 2024 में 1,513 करोड़ रुपये से बढ़कर जून में 2,445 करोड़ रुपये हो गया। यानी सोना गिरवी रखने वाले ग्राहकों के बीच चूक में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है। ये आँकड़े आरबीआई ने द इंडियन एक्सप्रेस को एक आरटीआई के जवाब में उपलब्ध कराए हैं।