यदि सोना गिरवी रखकर बैंक से कर्ज लिया तो लोग कर्ज तय समय में क्यों चुका नहीं पा रहे हैं? ऐसा करने वालों की संख्या अचानक से क्यों बढ़ गई? अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बैंकों को उन कर्जों को एनपीए यानी नॉन पर्फोर्मिंग एसेट्स में डालना पड़ रहा है। तो सवाल है कि ऐसी स्थिति क्यों आन पड़ी? क्या लोगों की इतनी आमदनी कम हो गई? क्या अर्थव्यवस्था की नब्ज ठीक नहीं है?