कई तरह के विरोधों और विवादों के बीच पारित हुए कृषि विधेयक क़ानून तो बन गए, पर इनका असर जिन लोगों पर पड़ेगा, इन किसानों ने इन क़ानूनों को स्वीकार नहीं किया है। बुधवार को सरकार के साथ 30 किसान संगठनों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन वह नारेबाजी और शोरगुल के बीच ख़त्म हो गई। कृषि मंत्री के मौजूद नहीं रहने से गुस्साए किसानों ने बिल की प्रतियाँ फाड़ कर फेंक दीं।