शायद ही कोई दिन ऐसा होता होगा जब अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर निराश करने वाली ख़बर न आती हो। कुछ ही दिन पहले ख़बर आई थी कि सितंबर 2019 में मोदी सरकार पर उपभोक्ताओं का भरोसा पिछले 6 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह भी ख़बर आई थी कि आरबीआई ने सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर में कटौती कर इसे 6.9 प्रतिशत से कम कर 6.1 प्रतिशत कर दिया है।
आर्थिक मोर्चे पर एक और झटका, कॉमर्शियल सेक्टर में नकदी का प्रवाह 88% घटा
- अर्थतंत्र
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- 7 Oct, 2019
शायद ही कोई दिन ऐसा होता होगा जब अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर निराश करने वाली ख़बर न आती हो।

अब आरबीआई के आंकड़ों से एक और निराशाजनक ख़बर सामने आई है कि अर्थव्यवस्था में चल रही सुस्ती के बीच चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान वाणिज्यिक क्षेत्र में आने वाले वित्तीय प्रवाह में लगभग 88 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे स्पष्ट है कि अर्थव्यस्था मंदी के दौर में प्रवेश कर चुकी है।