भारत के गाँवों से शहरों की ओर पलायन बहुत मजबूरी में हुआ। खेती-किसानी घाटे का कारोबार बन गया और लोगों ने छोटी-मोटी नौकरियों को भी खेती से बेहतर समझा।
गाँवों का बुरा हाल, उम्मीद की जा रही है कि गाँव संभालेंगे अर्थव्यवस्था!
- अर्थतंत्र
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- 23 Aug, 2020

क्या गाँवों से बर्बाद होकर शहर आए और फिर शहरों से बर्बाद होकर गाँव लौट रहे लोग सचमुच देश की अर्थव्यवस्था संभालने की स्थिति में हैं?