ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के कारण विश्व अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, करोड़ों लोग बेरोज़गार हो गए, दुनिया की कोई अर्थव्यवस्था इसकी चपेट में आने से नहीं बच सकी, आख़िर कैसे अरबपतियों की संख्या पाँच गुणे बढ़ गई और सबसे ज़्यादा फ़ायदा उठाने वाले व्यक्ति की जायदाद में 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई? यह पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का सामान्य नतीजा है, आपदा में अवसर तलाशने का फल है या कुछ लोगों की मजबूरी का लाभ उठा कर करोड़ों कमाने की कोशिशों का नतीजा है?
कोरोना पीड़ितों की मदद का पैसा सेठों की जेब में, अरबपतियों की संपत्ति 5 खरब डॉलर बढ़ी
- अर्थतंत्र
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- 23 May, 2021
ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के कारण विश्व अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, करोड़ों लोग बेरोज़गार हो गए, दुनिया की कोई अर्थव्यवस्था इसकी चपेट में आने से नहीं बच सकी, आख़िर कैसे अरबपतियों की संख्या पाँच गुणे बढ़ गई और सबसे ज़्याद फ़ायदा उठाने वाले व्यक्ति की जायदाद में 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई?

इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि कोरोना से लड़ने, उससे तबाह लोगों की मदद करने और इसकी चपेट में आई कंपनियों की मदद करने के लिए दुनिया के देशों और उनके केंद्रीय बैंकों ने कुल मिला कर लगभग 9 खरब डॉलर के आर्थिक पैकेज दिए। यानी लगभग 650 खरब रुपए इसलिए दिए गए कि कोरोना से उबरा जा सके और निरुपाय हो चुके लोगों की मदद की जा सके।