ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के कारण विश्व अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, करोड़ों लोग बेरोज़गार हो गए, दुनिया की कोई अर्थव्यवस्था इसकी चपेट में आने से नहीं बच सकी, आख़िर कैसे अरबपतियों की संख्या पाँच गुणे बढ़ गई और सबसे ज़्यादा फ़ायदा उठाने वाले व्यक्ति की जायदाद में 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई? यह पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का सामान्य नतीजा है, आपदा में अवसर तलाशने का फल है या कुछ लोगों की मजबूरी का लाभ उठा कर करोड़ों कमाने की कोशिशों का नतीजा है?