यह नरेंद्र मोदी ही थे, जिन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप मे चीन से आर्थिक रिश्ते मजबूत करने की ज़ोरदार वकालत की थी, कम्युनिस्ट चीन का दौरा कर वहाँ की सरकारी कंपनियों को न्योता था और उनके मनमाफ़िक वातावरण बनाने के लिए नियम-क़ानूनों में बदलाव किया था। चीनी कंपनियों ने गुजरात में अरबो रुपयों का निवेश किया था और हज़ारो लोगों को रोज़गार मिले थे। लेकिन अब मोदी की भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी साइबर सेना चीन को निशाने पर ले रही है, उसके उत्पादों का बॉयकॉट करने की अपील कर रही है और उससे आर्थिक रिश्ते तोड़ने की बात कर रही है।