क्या भारत में व्यापार या उद्योग-धंधा करना अब ज़्यादा मुश्किल हो गया है? कैफ़े कॉफ़ी डे यानी सीसीडी के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ ने अपनी मौत से पहले जो चिट्ठी लिखी थी वह भारत में व्यापार या उद्योग-धंधे करने के ख़राब माहौल की ओर इशारा करता है। इस पर व्यापार जगत ने भी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। अरबपति उद्योगपति किरण मज़ूमदार शॉ ने भी कुछ ऐसा ही संकेत दिया है। छोटे स्तर पर ऐसी शिकायतें अक्सर आती रहती हैं कि कारोबारियों को भारतीय एजेंसियाँ परेशान करती हैं। क्या यही वजह है कि हज़ारों करोड़पति कारोबारी हर साल भारत छोड़कर जा रहे हैं और क्या सरकार इस समस्या को स्वीकार करती है?
कारोबार का माहौल ख़राब, देश छोड़ भागे हज़ारों कारोबारी
- अर्थतंत्र
- |
- |
- 12 Jan, 2020

क्या भारत में व्यापार करना अब ज़्यादा मुश्किल हो गया है? कैफ़े कॉफ़ी डे के मालिक ने मौत से पहले लिखी चिट्ठी में यही आरोप लगाया है। क्या यही वजह है कि हज़ारों करोड़पति कारोबारी हर साल भारत छोड़कर जा रहे हैं?
करोड़पति कारोबारियों के देश छोड़ने पर 2018 में न्यू वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट आई थी। इसमें कहा गया था कि 2014 से अब तक 23,000 करोड़पति भारत छोड़ चुके हैं। यानी वे भारत की नागरिकता छोड़ चुके थे और उन्होंने किसी दूसरे देश में व्यापार स्थापित कर लिया। इनमें से 7,000 अमीरों ने तो 2017 में भारत की नागरिकता छोड़ी। यह उससे पिछले साल की तुलना में 16 फ़ीसदी ज़्यादा है। आँकड़ों के मुताबिक़ 2.1 प्रतिशत भारतीय अमीर, 1.3 फ्रेंच अमीर और 1.1 चीनी रईस अपना देश छोड़ चुके हैं। यानी प्रतिशत के हिसाब से भारत इस मामले में शीर्ष पर रहा। 2016 में 6000 और 2015 में 4000 अमीरों ने देश छोड़ा था। यानी हाल के वर्षों में देश छोड़ने वाले अमीरों की संख्या में हर साल इज़ाफा हुआ है।