क्या भारत में व्यापार या उद्योग-धंधा करना अब ज़्यादा मुश्किल हो गया है? कैफ़े कॉफ़ी डे यानी सीसीडी के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ ने अपनी मौत से पहले जो चिट्ठी लिखी थी वह भारत में व्यापार या उद्योग-धंधे करने के ख़राब माहौल की ओर इशारा करता है। इस पर व्यापार जगत ने भी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। अरबपति उद्योगपति किरण मज़ूमदार शॉ ने भी कुछ ऐसा ही संकेत दिया है। छोटे स्तर पर ऐसी शिकायतें अक्सर आती रहती हैं कि कारोबारियों को भारतीय एजेंसियाँ परेशान करती हैं। क्या यही वजह है कि हज़ारों करोड़पति कारोबारी हर साल भारत छोड़कर जा रहे हैं और क्या सरकार इस समस्या को स्वीकार करती है?