पूंजी बाज़ार ने शायद यह पहले ही मान लिया है कि सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी पहले से बहुत कम होगी। यह इससे समझा जा सकता है कि बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदनशील सूचकांक सेंसेक्स पहले ही 899.12 अंक गिरा। इसी तरह नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ़्टी में भी 82 अंकों की गिरावट आई।
क्यों टूटा शेयर बाज़ार?
सोमवार को कारोबार शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही बीएसई सेंसेक्स 40,010.17 अंक से गिर कर 39,111.05 अंक पर आ गया। दूसरी ओर, निफ्टी 11,528.95 से गिर कर 11,794.25 अंक पर आ गया।
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कारोबार शुरू होते समय कारोबार की स्थिति बेहतर थी, समझा जाता है कि लॉकडाउन में रियायत का एलान होने के कारण ऐसा हुआ था।
सेंसेक्स गिरने की कई वजहों में एक लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ और यथास्थिति को बदलने की कोशिश भी है। हालांकि इसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया, पर शेयर बाज़ार हर छोटी बड़ी चीज से प्रभावित होता है और यह तो बड़ा भौगोलिक-रणनीतिक कारण है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
शेयर बाज़ार के कारोबार में साफ़ दिखा कि बैंकिंग, ऑटो, वित्तीय सेवा, धातु, दवा, कैपिटल गुड्स और रियल स्टेट से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर बिकवाली का दबाव रहा और उनके शेयरों की कीमतें टूटीं।
इसी तरह मिड कैप और स्माल कैप के शेयरों पर भी दबाव रहा। निफ़्टी मिडकैप 100 और निफ़्टी स्मालकैप 100 के शेयरों की कीमतों में 1.5 प्रतिशत की कमी हुई।
जिन शेयरों में गिरावट हुई, उनमें प्रमुख हैं जी इंटरटेनमेंट, स्टेट बैंक, जीएसडब्लू स्टील, बजाज फाइनेंस, सन फ़ार्मा, कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, आइशर मोटर्स, मारुति सुजुकी, भारती एअरटेल और महिंद्रा एंड महिंद्रा।
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