सोमवार और मंगलवार को देश के सभी सरकारी बैंकों में हड़ताल रहेगी। देश के सबसे बड़े बैंक कर्मचारी संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने हड़ताल का आह्वान किया है। फोरम में भारत के बैंक कर्मचारियों और अफसरों के नौ संगठन शामिल हैं। हड़ताल की सबसे बड़ी वजह सरकार का यह एलान है कि वो आईडीबीआई बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों का निजीकरण करने जा रही है।
केंद्र सरकार की मंशा साफ है। वो एक लंबी योजना पर काम कर रही है जिसके तहत पिछले कुछ सालों में सरकारी बैंकों की गिनती अठाइस से कम करके बारह तक पहुंचा दी गई है। इनको भी वो और तेजी से घटाना चाहती है। कुछ कमजोर बैंकों को दूसरे बड़े बैंकों के साथ मिला दिया जाए और बाकी को बेच दिया जाए। उसका यही फॉर्मूला है।
बैंक यूनियनें निजीकरण का विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि जब सरकारी बैंकों को मजबूत करके अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने की जिम्मेदारी सौंपने की ज़रूरत है, उस वक्त सरकार एकदम उलटे रास्ते पर चल रही है।