मणिपुर की एक दिवसीय यात्रा के बाद गुरुवार को कोलकाता लौटे पांच सदस्यीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य की स्थिति को "भयानक" बताया है। इसने कहा है कि मणिपुर में जो हो रहा है वह भयानक और बर्बर है। स्वतंत्र भारत के बाद की सबसे भयानक हत्याओं में से एक वहां हो रही है और भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रही टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा है कि हम वहां की स्थिति देखकर हैरान रह गए। मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने हमें बताया कि 60,000 से अधिक केंद्रीय बल के जवानों को तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि वहां 5,000 से अधिक घर जला दिए गए हैं। करीब 57,000 लोग अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। खाने-पीने और दवाइयों की कमी है और बिजली नहीं है। हिंसा से दोनों पक्षों के लोग प्रभावित हुए हैं। टीएमसी सांसद दस्तीदार ने बताया है कि ममता बनर्जी जून में ही मणिपुर का दौरा करना चाहती थीं लेकिन उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई। वहीं टीएमसी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने मणिपुर में कई राहत शिविरों का भी दौरा किया जहां पीड़ितों को आश्रय दिया गया है।
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यह बर्बरतापूर्ण कृत्य समझ और मानवता से परे है: ममता
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं को नंगा कर घुमाने वाला वीडियो वायरल होने के बाद इस घटना की कड़ी निंदा की है।रिपोर्ट के मुताबिक मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार के दबाव के बाद वीडियो को सोशल मीडिया से हटा लिया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि पहले से ही बहुत से लोग इस बर्बरता को देख चुके हैं। हमारा दिल जल रहा है। यह देखकर दिल रो रहा है कि हमारी मां-बेटियों की गरिमा को किस तरह से तार-तार किया जा रहा है। अब बीजेपी नेता क्या कहेंगे? इस घटना पर उनकी क्या राय है? यह हमारे लिए शर्म की बात है। यह अपमानजनक है।
ट्विटर पर ममता बनर्जी ने लिखा कि, मणिपुर के उस भयानक वीडियो को देखकर दिल दुखी है। गुस्सा भी आ रहा है, वीडियो में उन्मादी भीड़ द्वारा दो महिलाओं के साथ क्रूर व्यवहार दिख रहा है। हाशिये पर मौजूद महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को देखने के दर्द और पीड़ा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। यह बर्बरतापूर्ण कृत्य समझ और मानवता से परे है। उन्होंने लिखा है कि हमें उपद्रवियों के ऐसे अमानवीय कृत्यों की निंदा करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होना चाहिए।
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