मणिपुर हिंसा आख़िर क्यों नहीं रुक रही है? इस सवाल का जवाब इससे भी मिल सकता है कि तीन मई को हिंसा शुरू होने के कुछ दिन बाद से ही उच्चस्तरीय बैठकें शुरू हो गई थीं। देश के गृहमंत्री शांति स्थापित करने में लगे थे और कहा जा रहा था हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन क्या ऐसा था? यदि ऐसा था तो फिर 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया व सामूहिक दुष्कर्म किया गया। 18 मई को एफ़आईआर हुई। फिर भी 62 दिन तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? अब कार्रवाई तब हो रही है जब उस घटना का वीडियो वायरल हुआ है और इसने पूरे देश को झकझोर दिया है। क्या ऐसे शांति बहाली हो सकती है?
बहरहाल, जब देश भर में गुस्सा दिखा तो अब कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार देर शाम को कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के भयावह मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। राज्य की पुलिस ने कहा कि दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है। इससे कुल गिरफ्तारियों की संख्या चार हो गई है। इसमें से एक को कल सुबह ही गिरफ़्तार किया गया था।
गुरुवार सुबह गिरफ्तार किए गए शख्स की पहचान 32 वर्षीय हुइरेम हेरादास सिंह के रूप में हुई है। उसे महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद थौबल जिले से गिरफ्तार किया गया था।
इससे पहले इस घटना के संदर्भ में शिकायत दर्ज होने के बाद भी 62 दिनों तक एफआईआर दो पुलिस स्टेशनों में धूल फांक रही थी। जबकि राज्य में कई उच्च-स्तरीय बैठकें हुईं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि एफआईआर को संबंधित पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने में एक महीने से अधिक समय लग गया क्योंकि पीड़ित अपने घरों से भाग गए थे और दूसरे जिले की पुलिस से संपर्क किया था।
27 मई को सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य का दौरा किया। 29 मई को गृह मंत्री अमित शाह चार दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंचे। इस दौरान कई दौर की सुरक्षा समीक्षा बैठकें हुईं। 4 जून को केंद्र सरकार ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में एक जाँच आयोग का गठन किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दौरा किया था। अमित शाह ने दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसके अलावा भी अलग-अलग स्तर पर शांति वार्ता के कई दौर चले।
वीडियो सामने आने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पुलिस कार्रवाई में देरी पर कहा, 'हिंसा जारी रहने के बावजूद 6,000 से अधिक एफआईआर हुईं। वीडियो सामने आने पर पुलिस मामले की पहचान करने की कोशिश कर रही थी। जैसे ही हमारे पास वीडियो आया, हम दोषियों की पहचान कर सके और तुरंत कार्रवाई की गई।'
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