क्या सामरिक-रणनीतिक स्थितियाँ इस तरह बदल चुकी हैं कि 1971 में भारत के ख़िलाफ़ खुल कर पाकिस्तान का साथ देने वाला अमेरिका अब चीन के साथ युद्ध होने की स्थिति में भारत का साथ देगा? क्या अमेरिका अपने खरबों डॉलर के व्यापारिक हितों की अनदेखी कर भारत के साथ खड़ा होगा?