अमेरिका की जानी-मानी
निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर स्टॉक बाज़ार में हेरफेर करने
का एक सनसनीखेज आरोप लगाया। इसने कहा कि अडानी समूह एक स्टॉक में खुलेआम हेरफेर
करने और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल था। हिंडनबर्ग रिसर्च के इस आरोप पर अदानी समूह
ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण, निराधार, एकतरफा और उनके शेयर बिक्री को बर्बाद करने के
इरादे ऐसा आरोप लगाया गया है। इसने कहा है कि अडानी समूह आईपीओ की तरह ही फॉलो-ऑन
पब्लिक ऑफ़र यानी एफ़पीओ ला रहा है और इस वजह से एक साज़िश के तहत कंपनी को बदनाम
किया जा रहा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की
रिपोर्ट आने का आगे क्या असर हो सकता है, यह बुधवार को ही दिख गया। अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट आने के साथ ही अडानी समूह
की कंपनियों के शेयरों के दाम तेज़ी से गिरे। अडानी ट्रांसमिशन के शेयर की क़ीमत
में आज 8.87 फ़ीसदी की गिरावट आई।
इसी तरह से अडानी पोर्ट्स, अडानी गैस,
अडानी विल्मर, अडानी पावर सहित पूरे समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी
गिरावट रही।
हिंडनबर्ग अमेरिका आधारित
निवेश रिसर्च फर्म है जो एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग में एकस्पर्ट है। रिसर्च फर्म ने
कहा कि उसकी दो साल की जांच में पता चला है कि “अडानी समूह दशकों से 17.8 ट्रिलियन (218 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के स्टॉक के हेरफेर और अकाउंटिंग की
धोखाधड़ी में शामिल था।
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यह रिपोर्ट अडानी समूह के
प्रमुख अडानी एंटरप्राइजेज की 20,000 करोड़ रुपये की फॉलो-ऑन शेयर बिक्री से पहले आई है। समूह फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर
(एफपीओ) 27 जनवरी से शुरू होगा और 31 जनवरी को बंद होगा। अडानी समूह इस रिपोर्ट के
बाहर आने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन आरोपों की तथ्यात्मक जांच के लिए समूह
से संपर्क किए बिना ही इस रिपोर्ट के बाहर आने से वह हैरान है।
समूह ने बयान जारी करके
कहा कि रिसर्च फर्म की यह रिपोर्ट गलत सूचनाओं, निराधार आरोपों का संकलन है, जिसे दुर्भाग्यपूर्ण इरादे से जारी किया गया है। इन सभी
आरोपों को भारत के सुप्रीम कोर्ट में पहले ही जांचा जा चुका है। समूह ने इस
रिपोर्ट के जारी किये जाने की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि कंपनी के जारी
होने वाले एफपीओ से पहले इस रिपोर्ट का छपना स्पष्ट रूप से इस एफपीओ को नुकसान
पहुंचाने के उद्देश्य के साथ अडानी समूह की प्रतिष्ठा को कमजोर करने का प्रयास
है।
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रिसर्च फर्म की रिपोर्ट
के मुताबिक अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने पिछले तीन सालों के दौरान लगभग 120 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ अर्जित किया है
जिसमें से अडानी समूह की सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के स्टॉक मूल्य की
बढ़ोत्तरी से 100 अरब अमेरिकी
डॉलर से अधिक कमाये। जिसमें पिछले तीन साल की अवधि में 819 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट
कैरेबियाई देशों, मॉरीशस और
संयुक्त अरब अमीरात तक फैले टैक्स हैवन देशों में अडानी परिवार के नियंत्रण वाली
मुखौटा कंपनियों के नेक्सस का विवरण है। जिसके बारे में दावा किया गया है कि इनका
इस्तेमाल भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग
और करदाताओं की चोरी को सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है। जबकि धन की हेराफेरी
समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से की गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है
कि हमने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों
व्यक्तियों से बात की, हजारों
दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का
दौरा किया।
रिसर्च फर्म का दावा है
कि अगर आप हमारी जांच के निष्कर्षों को नजरअंदाज करते हैं तो भी आप अडानी समूह की वित्तीय स्थिति को जांचने के लिए
समूह की सात 7 प्रमुख सूचीबद्ध
कंपनियों का मूल्यांकन करें तो पाएंगे कि उसके फेस वैल्यू से 85 प्रतिशत तक कम है।
समूह की कंपनियों ने
पर्याप्त कर्ज भी ले रखा है, इसमें ऋण लेने के
लिए अपने बढ़े हुए स्टॉक के शेयरों को गिरवी रखना तक शामिल है। इसने पूरे समूह को
अनिश्चित वित्तीय स्थिति में डाल दिया है। अडानी समूह ने कर्ज संबंधी चिंताओं को
बार-बार खारिज किया है। इसके मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगशिंदर सिंह ने 21 जनवरी को कहा था कि किसी ने भी हमारे सामने
कर्ज की चिंता नहीं जताई है, किसी एक निवेशक
ने भी नहीं।
अडानी समूह ने बुधवार को
कहा, 'वित्तीय विशेषज्ञों और
प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए
विस्तृत विश्लेषण और रिपोर्ट के आधार पर निवेशकों ने हमेशा अडानी समूह पर विश्वास
जताया है।" कंपनी के बयान में कहा गया है कि हमारे सूचिक और जानकार निवेशक
निहित स्वार्थों और एकतरफा, निराधार रिपोर्टों
से प्रभावित नहीं हैं।
बयान में कहा गया है कि
समूह बाजार में अग्रणी व्यवसायों का एक विविध पोर्टफोलियो है जिसका प्रबंधन उच्चतम
पेशेवर क्षमता के सीईओ द्वारा किया जाता है और कई दशकों से विभिन्न क्षेत्रों के
विशेषज्ञों द्वारा इसकी देखरेख की जाती है। इसने आगे कहा,
"समूह हमेशा सभी कानूनों
का अनुपालन करता रहा है, अधिकार क्षेत्र
की परवाह किए बिना, और कॉर्पोरेट
प्रशासन के उच्चतम मानकों को बनाए रखता है।"
फिच ग्रुप का हिस्सा
क्रेडिट साइट्स ने पिछले साल सितंबर में अडानी समूह को "ओवरलेवरेज" के
रूप में वर्णित किया था। लेकिन बाद में क्रेडिट साइट्स ने कैलकुलेशन की कुछ
गलतियों की ठीक किया लेकिन समूह की ऋण
संबंधी चिंता को बरकरार रखा था।
क्रेडिट साइट की रिपोर्ट
पर अडानी ग्रुप ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनकी कंपनियों का ऋण अनुपात
"स्वस्थ बना हुआ है और संबंधित क्षेत्रों के उद्योगों में बेंचमार्क के
अनुरूप है"। इसने यह भी कहा था कि पिछले एक दशक में, हमारी पूंजी प्रबंधन रणनीति के माध्यम से सुधार करने का भी
प्रयास कर रहा है।
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