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यूएस प्रेस कॉन्फ्रेंसः अडानी के सवाल पर मोदी को क्या हो गया था

  • रिपोर्टरः मिस्टर मोदी, क्या आपने अडानी मामले में राष्ट्रपति ट्रम्प से बात की?
  • पीएम मोदी- भारत एक लोकतांत्रिक देश है...
कुछ इस तरह से ट्रम्प-मोदी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल हुआ था और पीएम मोदी ने जवाब दिया था। लेकिन भारत में इस सवाल जवाब की खासी चर्चा हो रही है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। बतौर प्रधानमंत्री मोदी जब जब यूएस गये हैं, उनसे पूछे गये सवाल या तो सुर्खियां बन जाते हैं या फिर सवाल पूछने वाला पत्रकार सुर्खियों में आ जाता है।  
मोदी ने अडानी पर पूछे गये सवाल का जो जवाब दिया, वो अपनी जगह है लेकिन इस दौरान मोदी की जो भाव-भंगिमा (बॉडी लैंग्वेज) रही, वो देखने से सरोकार रखती है। पीटीआई ने भी इस वीडियो को जारी किया है जो सोशल मीडिया पर अब वायरल है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जवाब में कहा कि "सबसे पहले, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमारी संस्कृति और हमारा विचार दर्शन 'वसुधैव कुटुम्बकम' है, जिसका मूल रूप से मतलब है कि पूरा विश्व एक परिवार है। यह व्यक्तिगत मामला है। जब दो राष्ट्र प्रमुख मिलते हैं तो वे व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा नहीं करते हैं।"

यूएस में मोदी से पहले भी कड़े सवाल पूछे गये

यह बात जून 2023 की है। पीएम मोदी यूएस यात्रा पर थे। जो बाइडेन तब राष्ट्रपति थे। बाइडेन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में सवाल पूछा गया। यह सवाल वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टर ने किया था। रिपोर्टर को ऑनलाइन ट्रोल किया गया। व्हाइट हाउस ने महिला रिपोर्टर के उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है और इसे "अस्वीकार्य" और "लोकतंत्र के विपरीत" करार दिया। दक्षिण एशियाई देशों के पत्रकारों की संस्था ने इसकी निन्दा की थी। उनके अध्यक्ष का उस समय का ट्वीट देखिये-
एशियाई मूल की अमेरिकी रिपोर्टर सबरीना सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री से भारत में "मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों में सुधार" और "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने" के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा था। सिद्दीकी को ट्रोल किया गया और कई लोगों ने उनके सवाल के पीछे एक गुप्त उद्देश्य और उनकी मुस्लिम पहचान पर हमला किया। सबरीना के सवाल पर मोदी ने कहा था- ‘लोकतंत्र हमारे डीएनए में है, लोकतंत्र हमारी आत्मा है’ और यह ‘हमारी रगों में बहता है।’ उन्होंने कहा था कि ‘भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है; जाति, पंथ, उम्र या किसी भी तरह की भौगोलिक स्थिति के आधार पर नहीं।’ हालांकि मोदी ने यूएस में जो कहा था, भारत में स्थितियां आज भी उससे उलट हैं। 

राहुल गांधी का हमला

ट्रम्प के सामने मोदी के मौजूदा जवाब पर भारत में राजनीतिक दल और आम लोग सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दे रहे हैं। भारत के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा- देश में सवाल पूछो तो चुप्पी, विदेश में पूछो तो निजी मामला! अमेरिका में भी मोदी जी ने अडानी जी के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया! जब मित्र का जेब भरना मोदी जी के लिए “राष्ट्र निर्माण” है, तब रिश्वतखोरी और देश की संपत्ति को लूटना “व्यक्तिगत मामला” बन जाता है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस ने एक्स पर कहा- नरेंद्र मोदी इसे व्यक्तिगत मामला बताते हुए इधर-उधर की बात करने लगे। सवाल सुनते ही चेहरे का रंग उड़ गया। अडानी को लेकर श्रीलंका, केन्या, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया और कई देशों में जांच चल रही है, लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका में तो भ्रष्टाचार के मामले में वारंट भी जारी हुआ। भर-भरकर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन नरेंद्र के लिए ये व्यक्तिगत मामला है।

जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने एक्स पर लिखा- अडानी के बारे में पाठ्यक्रम से बाहर के सवाल पर मोदी का टालमटोल वाला जवाब!

पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने एक्स पर लिखा- मोदी से अडानी के बारे में पूछा गया और पूछा गया कि क्या उन्होंने ट्रम्प से अडानी के मामले पर चर्चा की। उनकी बेचैनी और गुस्सा साफ दिख रहा है। साथ ही कोई जवाब नहीं दिया गया।

भारतीय मीडिया कटघरे में

सोशल मीडिया पर लोग इस संदर्भ में कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। लेखक और पत्रकार संजय झा ने एक्स पर लिखा-अमेरिकी सरकार द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर हमारे मोदी जी द्वारा दिया गया एक बेहतरीन जवाब। यह हास्यास्पद है। भारत का रीढ़विहीन गोदी मीडिया बेशर्मी से दिन-रात भाजपा और उनके पक्ष में बोलता है, और ज़्यादातर मोदी और भाजपा को चुनाव जीतने में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने 11 सालों में कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं की, इसका एक कारण है! अब आपको पता चल गया।

टीएमसी की राज्यसभा सांसद और लेखिका सागरिका घोष ने एक्स पर लिखा- एक अमेरिकी पत्रकार ने वह सवाल पूछा जिसे पूछने से भारतीय पत्रकार भी डरते हैं। और क्या जवाब दिया है! पत्रकार ने अडानी के बारे में सवाल पूछा, गैर-जैविक @narendramodi ने ग्लोबल परिवार पर जवाब दिया! मोदी सरकार एक त्रासदी है। या यह एक कॉमेडी है।

डॉ वीणा जैन ने एक्स पर लिखा- अमेरिकी मीडिया द्वारा अडानी और मोदी के बारे में एक उचित सवाल पूछे जाने पर निराशा और गुस्से में बड़बड़ाना शुरू हो गया। जरा सोचिए मोदी की क्या हालत होगी, अगर भारतीय मीडिया अपना काम ईमानदारी से करने लगे - मोदी कैमरे से छिपने लगेंगे।

उत्तराखंड के गौतम नौटियाल ने एक्स पर लिखा- अडानी का नाम सुनते ही मोदी जी का चेहरा पीला पड़ गया।
फिर उन्होंने कहा, "यह एक निजी मामला है।" भ्रष्टाचार कब से निजी मामला हो गया?

चे नामक यूजर ने एक्स पर लिखा है- जब रिपोर्टर गौतम अडानी का नाम लेता है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंखों पर गौर कीजिए।

आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश ने एक्स पर लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में दिखाई अडानी से अपनी दोस्ती।अमेरिका में एक पत्रकार ने पीएम मोदी से उनके खास मित्र अडानी के भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को लेकर सवाल पूछा तो मोदी जी ने उसे व्यक्तिगत मामला बता दिया। अडानी द्वारा देश की संपत्ति को लूटना और रिश्वत बांटने के कुकृत्य को प्रधानमंत्री द्वारा निजी मामला बताना बेहद ही निंदनीय और शर्मनाक बात है।  

क्या है अडानी मामला

अमेरिकी अदालत में वहां के न्याय विभाग ने एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी पर भारत में अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने में कथित रूप से मदद करने का आरोप लगाया है। 20 नवंबर को जारी किए गए अभियोग में आरोप लगाया कि अडानी समूह ने भारत में सरकारी अधिकारियों को सैकड़ों मिलियन डॉलर पैसा देकर सोलर एनर्जी के कॉन्ट्रैक्ट हासिल किये। हालांकि अडानी समूह ने आरोपों से इनकार किया है। अगर ये मामला आगे बढ़ता है तो अडानी को अमेरिकी अदालत में पेश करने के लिए शायद अमेरिका को भारत से प्रत्यर्पण कर यूएस लाना होगा।

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अमेरिका द्वारा अडानी के खिलाफ आपराधिक और दीवानी दोनों तरह के आरोप लगाए जाने के बाद से अदालती कामकाज में खामोशी छाई हुई है। कहा जा रहा है कि अडानी इसके लिए यूएस में जबरदस्त पैरवी कर रहे हैं। कुछ अमेरिकी सांसद भी उनके समर्थन में उतरे हुए हैं। कुछ यूएस सांसदों ने बयान तक दिये और कहा कि अगर यह मामला आगे बढ़ा तो भारत-अमेरिका संबंध खराब हो जायेंगे।

(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)
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क़मर वहीद नक़वी
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